ग्रामीण विस्तार के युवक-युवती अधिकांशत: 18 से 25 वर्ष की आयु के होते हैं । वे अपनी स्कूल की शिक्षा प्राप्त करने के बाद उन्हें ग्रामीण विस्तार में अपनी योग्यता अनुसार रोजगार नहीं मिलता है । वे लोग शहर में जाकर शिक्षा के कारण अपनी योग्यतानुसार काम ढूँढ़ लेते हैं । कभी-कभी तो उच्च शिक्षण प्राप्त करने की व्यवस्था भी ग्रामीण विस्तार में न होने से शहरी विस्तार की ओर जाना पड़ता है । फिर 18 से 25 वर्ष के युवक अधिक साहसी एवं जोखम उठानेवाले होते हैं। उनमें कुछ कर गुजरने की क्षमता होती है । परिणामस्वरूप अपने भविष्य का लक्ष्य प्राप्त करने के लिए वे शहरी विस्तार की ओर स्थानांतर करते हैं।
इस प्रकार भारत में ग्रामीण विस्तार से शहरी विस्तार की ओर पलायन करते हैं ।