ग्राहकों को मात्र वस्तुओं या सेवाओं की क्रय-विक्रय की जानकारी के बाद स्वयं ने आरोग्य और सुरक्षा का ज्ञान भी होना चाहिये । हल्की गुणवत्तावाली, बनावटी, मिलावट युक्त खाद्य पदार्थों से अनेक रोगों और पोषणक्षम आहार के अभाव में स्वास्थ्य को नुकसान होता है । इस लिये ग्राहक पोषणक्षम और सुरक्षित आहार की ओर जागृत रहे और अधिक आग्रही बने, यह ग्राहक जागृति का उद्देश्य है ।
कम तोलमाप, मिलावट और बनावट जैसी भ्रष्टाचारी प्रवृत्तियाँ समाज के नैतिक मूल्यों को नीचे लाती है । समाज के विविध वर्गों के बीच अविश्वास पैदा होता है । लेन-देन के झगड़े, नैतिक मूल्यों के ह्रास के कारण समाज को नुकसान होता है । इसलिए ग्राहक सुरक्षा को स्वस्थ समाज की रचना आधार माना जाता है ।