प्रशिक्षण अर्थात् कार्य के प्रति सम्पूर्ण ज्ञान एवं संतोष प्रदान करने के प्रक्रिया है । परन्तु आगे के समय में इकाईयों के अन्तरगत आंतरिक एवं बाहरीय परिबल विशेष प्रभाव डालते है । जो इकाईयाँ इन परिवर्तनों के अनुसार योग्य परिवर्तन करके उत्पादन प्रक्रिया नही करती है । ऐसी इकाईयाँ वस्तु बाजार में स्पर्धा के सामने टिक नहीं सकती । अतः ग्राहकों की बदलती हुई फेशन नए एवं आधुनिक यंत्रों एवं तकनिकी से तैयार की जानेवाली वस्तु की माँग वस्तु बाजार में अधिक होती है । और पुरानी वस्तु बाजार में खरीदने के लिए कोई तैयार नहीं होता । अत: नए एवं पुराने सभी कर्मचारियों को परिवर्तनों के साथ-साथ उत्पादन प्रक्रिया में होनेवाले परिवर्तनो की तत्काल प्रशिक्षण द्वारा जानकारी देनी चाहिए जिससे आधुनिक यंत्रो के द्वारा उत्पादन की प्रक्रिया सरल बने अतः प्रशिक्षण एवं सामान्य प्रक्रिया है । जो सभी कर्मचारियों के लिए एवं इकाई के विकास के लिए अति आवश्यक है ।