इलेक्ट्रोनिक कॉमर्स ही संक्षेप में ई-कॉमर्स के नाम से जाना जाता है । वाणिज्य-व्यवहार में आधुनिक युग में ई-कॉमर्स का बहुत ही प्रयोग किया जाता है, जिसमें इलेक्ट्रोनिक साधन संचालित यंत्र तथा उनके माध्यम से सूचना-संप्रेषण तथा वितरण की कार्यवाही घर बैठे हो । सकती है । ई-कॉमर्स के लिए घर पर पी.सी. यानी पर्सनल कम्प्यूटर होना जरूरी है । साथ में इन्टरनेट का कनेक्शन भी आवश्यक है । धन्धाकीय इकाई स्वयं अपनी वेब रखती है । इसके अन्तर्गत टेलिफोन सेवाएँ सेटेलाईट के साथ जोड़ने से इलेक्ट्रोनिक सेवा बनी रहती है । क्रेडिट / डेबिट कार्ड की सुविधाओं से ग्राहक एवं धन्धाकीय इकाई का संबंध विश्वासपूर्ण बनता जाता है । संक्षिप्त रूप में वाणिज्य विषयक प्रक्रियाएँ जो बाजार में होती थीं वे सभी इलेक्ट्रोनिक साधनों तथा माध्यमों से करना ही ई-कॉमर्स का प्रयोजन है ।
ई-कॉमर्स के लाभ निम्नलिखित हैं :
- कम खर्च में क्रय-विक्रय के सौदे होते हैं जिससे समग्र रूप से बिक्री-खर्च में कमी होती है ।
- धन्धाकीय इकाई एवं ग्राहकों के बीच प्रत्यक्ष संपर्क बना रहता है ।
- बाजार में जाने की जरूरत नहीं है । आवश्यक जाँच/पूछ-ताछ के बाद ही माल-खरीदी का कार्य घर बैठे हो सकता है ।
- इससे धन्धाकीय इकाई को वैश्विक स्तर पर लाभ प्राप्त हो सकता है । कारोबार स्थानिक, प्रादेशिक एवं विश्व के अन्य देशों में भी पहुँचाया जा सकता है ।
- नये उत्पादों या उत्पादनों को आसानी से मार्केट में प्रस्तुत किया जाता है ।
- ग्राहकों के प्रत्यक्ष संपर्क में आने से बाजार-संशोधन का कार्य असरदार एवं कार्यक्षम बनता है ।
- विपुल मात्रा में साधन-सामग्री का जत्था या स्टोक रखने की जरूरत नहीं है, क्योंकि ओर्डर मिलने पर ही ग्राहकों की रुचि के अनुसार माल तैयार होता है । जिससे इन्वेन्टरी लागत कम होती है ।
- ग्राहकों की पसंद का क्षेत्र विशाल बनता है क्योंकि वेब साइट पर विभिन्न उत्पादनों तथा सापेक्ष भाव-ताल की सूचना प्राप्त करके क्या खरीदना है क्या नहीं खरीदना, इस बारे में निर्णय भलीभाँति होते हैं ।
- ई-कॉमर्स द्वारा ग्राहकलक्षी सेवा का लाभ मिलता है तथा उत्पादनों की गुणवत्ता में सुधारणा भी रहती है ।