जब जाँच का कार्यक्षेत्र अधिक विशाल हो तब प्रत्यक्ष जाँच की विधि उपयोगी नहीं होती, जाँच के कार्यक्षेत्र में आनेवाली इकाईयों के पास से सूचना प्राप्त करने के बदले उनके संपर्क में रहनेवाले व्यक्ति या संस्था द्वारा सूचना प्राप्त करने की विधि को अप्रत्यक्ष विधि कहते है । इस विधि के उपयोग से प्रत्यक्ष अनुसंधान विधि की मुख्य मर्यादाएं दूर हो जाती है । उदाहरण के रूप में पाठशाला का शिक्षक विद्यार्थियों की सूचना प्राप्त करना चाहता हो तो उनके वर्गशिक्षक या स्कूल के जनरल रजिस्टर से सूचना प्राप्त करे तो उसे अप्रत्यक्ष विधि कहते है । लड़के या लड़कियों के विवाह के समय उनके रिश्तेदारों या सूचना से ज्ञात व्यक्ति का संपर्क करके सूचना प्राप्त की जाय तो उसे अप्रत्यक्ष विधि कहते है । इस विधि में समय, शक्ति एवं धन की बचत होती है । यदि सूचना देनेवाली व्यक्ति तटस्थ और बिन पक्षपाती हो तो इस विधि से विश्वसनीय सूचना प्राप्त हो सकती है ।