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भारत में खनिज सम्पत्ति तथा शक्ति के साधनों का वर्णन करो।

अथवा

निम्नलिखित पदार्थ भारत में कहां पाए जाते हैं और इनका क्या महत्त्व है? कोयला, लोहा, मैंगनीज, बॉक्साइट, खनिज तेल, तांबा, अभ्रक।

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खनिज पदार्थों का प्रत्येक देश के लिए बड़ा महत्त्व होता है। इसके बिना किसी भी देश के उद्योग नहीं चल सकते। भारत खनिज पदार्थों में काफ़ी धनी है। यहां मुख्य रूप से निम्नलिखित खनिज पदार्थ मिलते हैं

  1. कोयला- कोयला एक महत्त्वपूर्ण खनिज पदार्थ है। यह शक्ति का बहुत बड़ा साधन है। इससे रेलें, जहाज़ तथा कारखाने चलते हैं। हमारा अधिकतर कोयला रेलों में प्रयोग किया जाता है। कोयले के उत्पादन में भारत का विश्व में आठवां स्थान है। कोयले की अधिकतर खानें झारखण्ड में हैं। इसके अतिरिक्त रानीगंज (बंगाल) में भी इसकी खाने हैं। 2000-01 में देश में कोयले का कुल उत्पादन 33 करोड़ 35 लाख टन था। भारत कुछ कोयला निर्यात भी करता है।
  2. लोहा- लोहा उद्योगों का आधार माना जाता है। भारत में लोहे के विस्तृत भण्डार हैं। लोहे की बड़ी खाने सिंहभूम (झारखण्ड), मयूरभंज, क्योंझर तथा बोनाई (उड़ीसा) और स्लेम (तमिलनाडु) में हैं। कुछ लोहा कर्नाटक, मध्य प्रदेश तथा छत्तीसगढ़ से भी निकाला जाता है। 1998 में देश में 71.5 मिलियन टन खनिज लोहे का उत्पादन हुआ था। हम कुछ लोहे का निर्यात भी करते हैं। हमारे लोहे का मुख्य ग्राहक जापान है।
  3. मैंगनीज़- मैंगनीज़ के उत्पादन में भारत को विश्व में चौथा स्थान प्राप्त है। विश्व का 20% मैंगनीज़ भारतीय खानों से निकाला जाता है। भारत में मैंगनीज़ पैदा करने वाले मुख्य राज्य मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, महाराष्ट्र तथा झारखण्ड हैं। मैंगनीज़ का प्रयोग लोहे से इस्पात बनाने में किया जाता है। किन्तु अभी लोहा-इस्पात उद्योग इतना विकसित नहीं है कि सारा मैंगनीज़ उसमें खप जाए। अतः हम काफ़ी मैंगनीज़ विदेशों को बेच देते हैं। हम अधिकतर मैंगनीज़ अमेरिका तथा इंगलैंड को भेजते हैं। भारत का मैंगनीज़ उत्तम प्रकार का होता है।
  4. अभ्रक- अभ्रक एक बहुमूल्य धातु है। इसका उपयोग शीशे तथा बिजली का सामान बनाने में होता है। संसार का 75% अभ्रक भारत में ही निकाला जाता है। यह मुख्य रूप से झारखण्ड तथा आन्ध्र प्रदेश में मिलता है किन्तु कुछ । अभ्रक राजस्थान से भी प्राप्त होता है। भारत अधिकतर अभ्रक निर्यात कर देता है। इंगलैंड, फ्रांस, अमेरिका, जापान, इटली, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया आदि भारतीय अभ्रक के मुख्य ग्राहक हैं।
  5. बॉक्साइट- बॉक्साइट से एल्यूमीनियम नामक धातु प्राप्त की जाती है। एल्यूमीनियम रेल के डिब्बे, मोटर गाड़ी, जहाज, बिजली का सामान, बर्तन और वार्निश आदि बनाने के काम आती है। बॉक्साइट का प्रयोग मिट्टी का तेल साफ़ करने, सीमेंट बनाने और अनेक रासायनिक पदार्थों का निर्माण करने में भी होता है। भारत बॉक्साइट के उत्पादन में आत्मनिर्भर है। यह झारखण्ड, गुजरात, तमिलनाडु, उड़ीसा, जम्मू-कश्मीर आदि राज्यों में पाया जाता है।
  6. खनिज तेल- आज के युग में खनिज तेल का बड़ा महत्त्व है। यह केवल शक्ति का ही साधन नहीं है बल्कि इससे और भी कई प्रकार की वस्तुएं बनाई जाती हैं। पेट्रोलियम हवाई जहाज़, समुद्री जहाज़ तथा मोटर आदि चलाने के काम आता है। इसे साफ़ करके पेट्रोल, मोम, कैरोसीन तथा मोबिल आयल बनाया जाता है। भारत में सबसे अधिक पेट्रोलियम सुम्बई हाई से प्राप्त होता है। इसके अतिरिक्त असम राज्य में भी काफ़ी पेट्रोलियम निकाला जाता है। इस राज्य में पेट्रोलियम के मुख्य केन्द्र डिगबोई, बम्पापुंज, हंसपुंग, नाहरकटिया और मोरन आदि हैं। गुजरात राज्य में कैम्बे के निकट अंकलेश्वर से भी पेट्रोलियम निकाला जाता है। भारत में खनिज तेल का उत्पादन आवश्यकता से बहुत कम होता है। यहां निकाला जाने वाला पेट्रोलियम हमारी केवल 20 प्रतिशत आवश्यकता ही पूरी कर पाता है। इसलिए हमें विदेशों से इसका आयात करना पड़ता है।

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