देश के दुश्मन जयनाथ नलिन द्वारा लिखित एक राष्ट्र भावना से ओत-प्रोत एकांकी है। इसमें लेखक ने भारतीय रक्षा सेनाओं की कर्त्तव्यपरायणता, वीरता, त्याग भावना, नि:स्वार्थभावना, बलिदान आदि का चित्रण किया है। इन वीरों के साथ-साथ इनके परिवारजन भी इन्हीं उदात्त भावनाओं से भरे होते हैं। इन्हीं महान लोगों के कारण भारतवर्ष अपने दुश्मनों को धराशायी कर आज गर्व से झूम रहा है। लेखक ने ऐसे ही तेजस्वी, साहसी और निडर देशभक्तों और वीरों का अभिनंदन किया है।