समाप्त होने वाले संसाधन वे संसाधन हैं जो लगातार तथा अधिक मात्रा में प्रयोग के कारण समाप्त होते जा रहे हैं। उदाहरण के लिये कोयले तथा पेट्रोलियम का प्रयोग लगातार बढ़ता जा रहा है। इसलिए ये कम होते जा रहे हैं। एक समय आयेगा जब ये बिलकुल समाप्त हो जायेंगे। क्योंकि इनके बनने में लाखों वर्ष लगते हैं, इसलिए हम इनसे सदा के लिए वंचित हो जायेंगे। यदि हमें ऐसी स्थिति से बचना है, तो हमें इनका प्रयोग समझदारी व संकोच के साथ करना होगा।