लेटराइट मिट्टी 90-100% तक लौह अंश, एल्यूमीनियम, टाइटेनियम और मैंगनीज़ आक्साइड से बनी होती है। ऐसी मिट्टी प्रायः उच्च तापमान तथा अधिक वर्षा वाले क्षेत्रों में पाई जाती है। अधिक वर्षा के कारण इसके उपजाऊ तत्त्व घुलकर पृथ्वी की भीतरी परतों में चले जाते हैं और ऑक्साइड पृथ्वी के ऊपर रह जाते हैं। उपजाऊ तत्त्वों की कमी हो जाने के कारण यह मिट्टी कृषि योग्य नहीं रहती। परन्तु सिंचाई सुविधाओं तथा रासायनिक खादों के उपयोग से इसमें चाय, रबड़, कॉफी तथा नारियल जैसी फ़सलें पैदा की जा सकती हैं।
भारत में वितरण- लेटराइट मिट्टी देश की कुल मिट्टी क्षेत्रफल के 7.5% भाग में पाई जाती है। यह मुख्यतः पूर्वी घाट, पश्चिमी घाट, राजमहल की पहाड़ियों, विंध्याचल, सतपुड़ा और मालवा के पठार में मिलती है। इसके अतिरिक्त महाराष्ट्र, उड़ीसा, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, केरल, झारखण्ड तथा असम राज्य के कुछ भागों में भी इस प्रकार की मिट्टी पाई जाती है।