अग्नि (आग्नेय) चट्टान वह चट्टान है जिसका निर्माण मैग्मा तथा लावा के ठण्डा होने से हुआ है। ये चट्टानें दो प्रकार की होती हैं-अंतर्वेदी (अन्तर्वेधी) चट्टानें तथा बाहरवेदी (बहिर्वेधी) चट्टानें।
अन्तर्वेधी आग्नेय चट्टानें-कभी-कभी मैग्मा पृथ्वी के अन्दर ही धीरे-धीरे ठण्डा होकर जम जाता है। इस प्रकार बनी चट्टानों को अन्तर्वेधी आग्नेय चट्टानें कहते हैं। ये चट्टानें दो प्रकार की होती हैं-पातालीय आग्नेय चट्टानें तथा . मध्यवर्ती आग्नेय चट्टानें।
1. पातालीय आग्नेय चट्टानें-जब पृथ्वी के आन्तरिक भाग में मैग्मा बहुत अधिक गहराई पर चट्टान का रूप ले लेता है, तो उस चट्टान को पाताली अग्नि (पातालीय आग्नेय) चट्टान कहा जाता है। ग्रेनाइट इसी प्रकार की चट्टान है ।
2. मध्यवर्ती आग्नेय चट्टानें-कभी कभी मैग्मा पृथ्वी के मध्य भागों की दरारों में जम जाता है। इस प्रकार जो चट्टानें बनती हैं उन्हें मध्यवर्ती अग्नि (आग्नेय) चट्टानें कहते हैं। डाइक तथा सिल इन चट्टानों के उदाहरण हैं।