प्रशान्त महासागर संसार का सबसे बड़ा और गहरा महासागर है।
इसकी धाराओं को क्रमश: दो मुख्य भागों में बाँटा जा सकता है-
1. उत्तरी चक्र
2. दक्षिणी चक्र।
I. उत्तरी चक्र
1. उत्तरी भूमध्य रेखा की धारा- प्रशान्त महासागर के उत्तरी भाग में व्यापारिक पवनें चलती रहती हैं। इन पवनों के प्रभाव के कारण महासागर में पूर्व से पश्चिम की ओर एक जल धारा बहने लगती है। इस धारा को उत्तरी भूमध्य रेखीय धारा कहते हैं, जो गर्म पानी की धारा है।
2. कुरोशीवो की धारा- उत्तरी भूमध्य रेखा की धारा पूर्वी द्वीप के पास पहुँच कर उत्तर की ओर बहती है। यहां इसका नाम कुरोशीवो की धारा है।
3. उत्तरी प्रशान्त महासागरीय धारा- कुरोशीवो की धारा जब एशिया के पूर्वी तटों से टकराती है तो यह उत्तरपूर्व की ओर बहने लगती है। इसे उत्तरी प्रशान्त महासागरीय धारा कहते हैं।
4. कैलीफोर्निया की धारा- उत्तरी प्रशान्त महासागरीय धारा उत्तरी अमेरिका के पश्चिमी तट के साथ टकराती है। यहां इसके दो भाग हो जाते हैं। इसका एक भाग अलास्का की धारा तथा दूसरा भाग कैलीफोर्निया की धारा कहलाता है क्योंकि कैलीफोर्निया की धारा ध्रुवों की ओर से आती है इसलिए यह शीत धारा है।
II. दक्षिणी चक्र
1. भूमध्य रेखा की दक्षिणी धारा- भूमध्य रेखा के दक्षिण में समुद्र का जल व्यापारिक पवनों के प्रभाव के कारण पूर्व से पश्चिम की ओर बहने लगता है। इसे भूमध्य रेखा की दक्षिणी धारा कहते हैं जो गर्म पानी की धारा है।
2. पूर्वी आस्ट्रेलिया की धारा- यह भी गर्म पानी की धारा है। भूमध्य रेखा की दक्षिणी धारा पूर्वी-द्वीप समूह में पहुंच कर दक्षिण की ओर मुड़ जाती है और आस्ट्रेलिया के पूर्वी तट के पास से बहने लगती है। इसे पूर्वी आस्ट्रेलिया की धारा कहते हैं।
3. दक्षिणी प्रशान्त महासागरीय धारा- यह गर्म पानी की धारा है। पूर्वी आस्ट्रेलिया की धारा पश्चिमी पवनों के कारण पूर्व की ओर बहने लगती है। दक्षिणी गोलार्द्ध में होने के कारण यह धारा पश्चिम की ओर मुड़ जाती है। इसे दक्षिणी प्रशान्त महासागरीय धारा कहते हैं।
4. पीरू की धारा- यह ठण्डे पानी की धारा है। दक्षिणी प्रशान्त महासागरीय धारा का एक भाग दक्षिणी अमेरिका के पश्चिमी तट से टकराता है और दक्षिण से उत्तर की ओर बहने लगता है। इसे पीरू की धारा कहते हैं। यह धारा भूमध्य रेखा की धारा में मिल कर प्रशांत महासागर की धाराओं के चक्र को पूरा कर देती है।
