Use app×
QUIZARD
QUIZARD
JEE MAIN 2026 Crash Course
NEET 2026 Crash Course
CLASS 12 FOUNDATION COURSE
CLASS 10 FOUNDATION COURSE
CLASS 9 FOUNDATION COURSE
CLASS 8 FOUNDATION COURSE
0 votes
311 views
in Science by (55.7k points)
closed by

आप अपने विद्यालय वर्मीकंपोस्टिग द्वारा खाद बनाने की विधि का विस्तार से वर्णन करिए।

1 Answer

+1 vote
by (62.9k points)
selected by
 
Best answer

विधि-मैदान में एक गड्डे (लगभग 30 cm गहरा) खोदे अथवा कोई लकड़ी का बॉक्स किसी ऐसे स्थान पर जहाँ सीधी धूप नहीं पड़ती हो पर रखे जो न तो बहुत गर्म हो और न ही बहुत ठंडा। अब गड्ढे अथवा बक्से में लाल केंचुओं के लिए आरामदायक घर बनाने के लिए गड्डे अथवा बॉक्स की तली में एक जाल अथवा मुर्गा जाली बिछा दीजिए। आप विकल्प के रूप में तली में रेत की 1 अथवा 2 सेंटीमीटर मोटी परत भी बिछा सकते हैं। अब रेत के ऊपर सब्जियों अथवा फलों के अपशिष्ट बिछा दीजिए।

आप हरी पत्तियाँ, पौधों की सूखी डंडियों के टुकड़े, भूसा अथवा समाचार-पत्र की 1 इंच चौड़ी पत्तियाँ काटकर उन्हें रेत अथवा जाली के ऊपर बिछा सकते हैं। आप नोटबुक के बेकार गत्ते को काटकर भी पत्तियाँ बना सकते हैं। रेत अथा ताप की जाली पर सूखी गोबर भी बिछाया जा सकता है।

कुछ जल छिड़क कर इस परत को नम बनाइए। ध्यान रहे कि जल इतना अधिक न हो कि वह बहने लगे। अपशिष्ट की पम्त को दबाइए नहीं इसे पोला ही रहने दीजिए ताकि इस परत में पर्याप्त मात्रा में वायु एवं नमी बनी रहे।

अब आपका गड्डा लाल केंचुओं के स्वागत के लिए तैयार है। कुछ लाल केंचुए खरीद कर इन्हें अपने गड्डे में रखिए। अब इन्हें जूट की बोरी, पुरानी चादर अथवा घास से हल्के से ढक दीजिए।

आप लाल केंचुओं को भोजन के तौर पर फ़ल तथा सब्जियों के अपशिष्ट कॉफी तथा चाय छानने के बाद बची हुई पत्तियाँ तथा खेत एवं बगीचे के खरपतवार दे सकते हैं। इस गड्डे में इस भोजन को लगभग 2-3 सेंटीमीटर गहराई में दबाकर रखना, अच्छा हो सकता है। नमक, अचार, तेल, सिरका, मांस एवं दूध से निर्मित अपशिष्ट पदार्थ भोजन के रूप में भोजन लाल केंचुओं को न दें। इन वस्तुओं को गड्डे में डालने से उसमें रोगकारक जीव उत्पन्न होने लगते हैं। कुछ दिनों के अंतराल में गड्ढे के पदार्थों को धीरे-धीरे मिलाते रहें तथा इसकी ऊपरी सतह को हिलाते रहें।

आप अंडे के छिलके अथवा समुद्री शंख या सीपी का चूरा आहार के साथ मिला सकते हैं। लाल कृमि एक दिन में अपने शरीर के भार के बराबर आहार खा सकता है।

लाल केंचुए बहुत गर्म अथवा ठंडे वातावरण में जीवित नहीं रह सकते। उन्हें अपने आस-पास नमी की आवश्यकता होती है। यदि आप अपने केंचुओं की भली-भांति देखभाल करते हैं तो एक मास में उनकी संख्या दुगुनी हो जाएगी।

3-4 सप्ताहों के अंतराल पर अपने गड्डे का सावधानीपूर्वक प्रेक्षण करते रहें। आपको गड्डे में मिट्टी जैसा पोला पदार्थ दिखाई देता है। अब आपका वर्मीकंपोस्ट तैयार है।

इस गड्डे के एक किनारे पर आहार के रूप में कुछ अपशिष्ट डालिए। अधिकांश कृमि अन्य भागों को छोड़कर गड्डे के इस भाग में स्थानांतरित हो जाएँगे। दूसरे भाग से खाद को निकाल कर कुछ घंटों तक इसे धूप में सुखाइए। आपका वर्मीकंपोस्ट प्रयोग के लिए तैयार है।

गड्डे के इस बचे भाग में अधिकांश कृमि हैं। आप इनका उपयोग और अधिक कंपोस्ट बनाने में कर सकते हो अथवा इन्हें किसी कंपोस्ट बनाने वाले से बाँट सकते हो।
इस वर्मीकंपोस्ट (खाद) को आप अपने गमलों, बगीचों एवं खेतों में डाल सकते हो।

Related questions

Welcome to Sarthaks eConnect: A unique platform where students can interact with teachers/experts/students to get solutions to their queries. Students (upto class 10+2) preparing for All Government Exams, CBSE Board Exam, ICSE Board Exam, State Board Exam, JEE (Mains+Advance) and NEET can ask questions from any subject and get quick answers by subject teachers/ experts/mentors/students.

Categories

...