Use app×
Join Bloom Tuition
One on One Online Tuition
JEE MAIN 2025 Foundation Course
NEET 2025 Foundation Course
CLASS 12 FOUNDATION COURSE
CLASS 10 FOUNDATION COURSE
CLASS 9 FOUNDATION COURSE
CLASS 8 FOUNDATION COURSE
0 votes
256 views
in Civics by (113k points)
closed by

हमारे संविधान में निहित मौलिक अधिकार पर एक संक्षिप्त लेख लिखिए।

1 Answer

+1 vote
by (119k points)
selected by
 
Best answer

भारतीय संविधान में मौलिक अधिकारों का वर्णन संविधान के तीसरे भाग में धारा 12 से 35 तक की 24 धाराओं में किया गया है। 44वें संशोधन के बाद नागरिकों को 6 प्रकार के मौलिक अधिकार प्राप्त हैं, जो इस प्रकार

1. समानता का अधिकार- समानता के अधिकार का वर्णन अनुच्छेद 14 से 18 तक में किया गया है। कानून के सामने सभी बराबर हैं और कोई कानून से ऊपर नहीं है। भेदभाव की मनाही की गई है और सार्वजनिक स्थानों का प्रयोग सभी कर सकते हैं। छुआछूत को समाप्त कर दिया गया है और सेना तथा शिक्षा संबंधी उपाधियों को छोड़कर अन्य सभी उपाधियों को समाप्त कर दिया है।

2. स्वतंत्रता का अधिकार- नागरिकों के स्वतंत्रता के अधिकार का वर्णन अनुच्छेद 19 से 22 तक में किया गया है। अनुच्छेद 19 के अनुसार नागरिकों को भाषण देने और विचार प्रकट करने, शांतिपूर्ण तथा बिना हथियारों के इकट्ठे होने, संघ या समुदाय बनाने, घूमने-फिरने, किसी भी स्थान पर बसने या कोई भी व्यवसाय करने की स्वतंत्रता प्राप्त है। परंतु इन स्वतंत्रताओं पर एक प्रतिबंध भी है। अनुच्छेद 20 से 22 तक नागरिकों को व्यक्तिगत स्वतंत्रता प्रदान की गई है।

3. शोषण के विरुद्ध अधिकार- अनुच्छेद 23 और 24 के अनुसार नागरिकों को शोषण के विरुद्ध अधिकार दिए गए हैं। व्यक्तियों को बेचा या खरीदा नहीं जा सकता और न ही किसी व्यक्ति से बेगार ली जा सकती है। 14 वर्ष से कम आयु के बच्चों को किसी ऐसे कारखाने या खान में नौकरी पर नहीं रखा जा सकता, जहां उसके स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ने की संभावना हो।

4. धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार- अनुच्छेद 25 से 28 तक में नागरिकों के धर्म की स्वतंत्रता के अधिकार का वर्णन किया गया है। प्रत्येक व्यक्ति को अपनी इच्छानुसार धर्म को मानने तथा अपने इष्ट देव की पूजा करने का अधिकार है। लोगों को धार्मिक संस्थाएं स्थापित करने, उनका प्रबंध करने का और धार्मिक संस्थाओं को संपत्ति आदि रखने के अधिकार दिए गए हैं। सरकारी शैक्षणिक संस्थाओं में धार्मिक शिक्षा नहीं दी जा सकती। किसी भी व्यक्ति को ऐसा टैक्स देने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता जिसे किसी विशेष धर्म के लिए प्रयोग किया जाना हो।

5. संस्कृति और शिक्षा संबंधी अधिकार- अनुच्छेद 29 और 30 के अंतर्गत नागरिकों को संस्कृति तथा शिक्षा संबंधी अधिकार दिए गए हैं। प्रत्येक जाति या समुदाय को अपनी भाषा, लिपि, संस्कृति और साहित्य को बनाए रखने, उनका प्रसार तथा विकास करने का अधिकार है। सभी अल्पसंख्यकों को अपनी इच्छानुसार शिक्षा संस्थाओं की स्थापना करने तथा उनका प्रबंध करने का अधिकार प्राप्त है। राज्य द्वारा शिक्षा संस्थाओं को अनुदान देते समय भेद-भाव नहीं किया जाएगा।

6. संवैधानिक उपायों का अधिकार- अनुच्छेद 32 के अनुसार प्रत्येक नागरिक अपने मौलिक अधिकारों की प्राप्ति और रक्षा के लिए उच्च न्यायालय या सर्वोच्च न्यायालय के पास जा सकते हैं। उच्च न्यायालयों तथा सर्वोच्च न्यायालय को इस संबंध में कई प्रकार के लेख (Writs) जारी करने का अधिकार है।

Related questions

Welcome to Sarthaks eConnect: A unique platform where students can interact with teachers/experts/students to get solutions to their queries. Students (upto class 10+2) preparing for All Government Exams, CBSE Board Exam, ICSE Board Exam, State Board Exam, JEE (Mains+Advance) and NEET can ask questions from any subject and get quick answers by subject teachers/ experts/mentors/students.

Categories

...