आर्थिक नियोजन का महत्त्व-
(i) स्वतंत्रता के पश्चात् भारतीय नेताओं ने अनुभव किया कि देश का सामाजिक-आर्थिक विकास एक योजनाबद्ध तरीके से किया जाए।
(ii) भारतीय नेताओं ने भारत के चहुंमुखी विकास के लिए योजनायें बनाने तथा उनको व्यवहार में लाकर निश्चित समय में अनिवार्य सफलता प्राप्त करने का विचार किया तथा इस हेतु योजना आयोग की स्थापना की।
(iii) सामाजिकआर्थिक विकास के लिए नियोजन का अत्यन्त महत्त्व है, क्योंकि विकास के लिए योजनाबद्ध तरीके नियोजन में ही अपनाए जाते हैं।