भारत में हरित क्रान्ति की असफलता के कारण निम्नलिखित हैं-
(i) कृषि क्रान्ति का प्रभाव केवल कुछ ही फसलों, जैसे-गेहूँ, ज्वार, बाजरा तक ही सीमित रहा है। गन्ना, कपास, तिलहन जैसे कृषि पदार्थों पर इसका प्रभाव नहीं पड़ा है।
(ii) कृषि क्रान्ति का प्रभाव कुछ ही विकसित क्षेत्रों, जैसे-पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश के कुछ भागों तक ही सीमित रहा है।
(iii) भारत में कृषि क्रान्ति से केवल बड़े किसान ही लाभ प्राप्त कर सके हैं। इससे गाँव के क्षेत्रों में असमानताएँ बढ़ी हैं तथा इस प्रकार से धनी किसान अधिक धनी तथा निर्धन और अधिक निर्धन होते गए हैं।
(iv) विस्तृत भू-खण्डों पर उत्तम खाद तथा बीज व नवीन तकनीकों के उपयोग से कृषि योग्य भूमि के कुछ लोगों के हाथों में केन्द्रित होने की प्रवृत्ति बढ़ गयी है।
(v) कृषि विकास की गति अत्यधिक धीमी रही है।