‘ट्रैवल्स इन द मुगल एम्पायर’ बर्नियर की भारतीय उपमहाद्वीप की यात्राओं का वर्णन है। बर्नियर ने मुगलकालीन इतिहास को भारत की भौगोलिक, सामाजिक, आर्थिक परिस्थितियों को ध्यान में न रखकर एक वैश्विक ढाँचे में ढालने का प्रयास किया। बर्नियर के अनुसार यूरोप की प्रशासनिक व्यवस्था तथा यूरोप की सामाजिक, आर्थिक स्थिति भारत से कहीं बेहतर है। वास्तव में उसका भारत चित्रण पूरी तरह पक्षपात पर आधारित है। उसने भारत में जो भी विभिन्नताएँ देखीं; उनको प्रत्येक स्थान पर तुलनात्मक दृष्टिकोण से इस प्रकार क्रमानुसार वर्णित किया है ताकि पश्चिमी जगत के पाठकों को यूरोप की श्रेष्ठता और भारत की हीनता का स्पष्ट बोध हो सके।