पहले बच्चों की शिक्षा देने के लिए स्लेट का प्रयोग होता था। उस पर खड़िया से बनी चाक-बत्ती द्वारा अक्षर लिखे जाते थे। बच्चे कभी खेल-खेल में स्लेट पर लिखते और मिटाते थे। ‘उषा’ कविता की इस पंक्ति का सम्बन्ध बच्चों से होने के कारण हम कह सकते हैं कि यह बाल-मनोविज्ञान पर प्रकाश डालती है।