दिया है :
4 सेमी त्रिज्या का एक वृत्त और 6 सेमी त्रिज्या का एक संकेन्द्रीय वृत्त जिस पर एक बिन्दु P दिया है।

रचना के चरण:
- 4 सेभी त्रिज्या लेकर केन्द्र O वाला एक वृत्त खींचा।
- केन्द्र O से 6 सेमी त्रिज्या का एक संकेन्द्रीय वृत्त खींचा और इस पर एक बिन्दु P लिया।
- रेखाखण्ड OP खींचा और इसका लम्ब समद्विभाजक खींचा जो OP को बिन्दु M पर काटता है।
- बिन्दु M को केन्द्र मानकर MP त्रिज्या का एक वृत्त खींचा जो केन्द्र O के 4 सेमी त्रिज्या वाले वृत्त को T1, और T2, बिन्दुओं पर काटता है।
- PT1, और PT2, को मिलाया जो वृत्त की अभीष्ट स्पर्श रेखाएँ हैं।
औचित्य (उपपत्ति) :
∴ हम जानते हैं कि स्पर्श रेखा स्पर्श बिन्दु से होकर खींची गई त्रिज्या पर लम्ब होती है।
∴ ∠OT1P = ∠OT2P = 90°
OT1, तथा OT2, को मिलाया, OP वृत्त का व्यास हैं।
∠OT1P तथा ∠OT2P अर्द्धवृत्त के कोण हैं।
∴ ∠OT1P= 90° तथा ∠OT2P = 90°
∴ OT1 ⊥ PT1, तथा OT2, ⊥ PT2,
अत: PT1, तथा PT2, अभीष्ट स्पर्श रेखाएँ हैं। स्पर्श रेखा की लम्बाई मापने पर,
PT1 = PT2 = 4.5 लगभग।
परिकलन : स्पर्श रेखा PT1
