मोक्ष प्राप्ति के साधन के रूप में प्रमुख रूप से तीन मार्गों का विवेचन किया गया है –
1. कर्म मार्ग – गीता में श्रीकृष्ण ने यह स्पष्ट किया है कि कर्म ही व्यक्ति के जीवन का मूल आधार है। जो व्यक्ति बिना फल के इच्छा के कर्म करता है, उसे ही मोक्ष की प्राप्ति होती है।
2. ज्ञान मार्ग – जब व्यक्ति सभी के प्रति सम्भाव की भावना रखे, सभी का आदर करे। तत्पश्चात् ऐसे व्यक्ति को सुख – दु:ख, लाभ – हानि आदि का प्रभाव नहीं पड़ता है।
3. भक्ति मार्ग – स्वयं को ईश्वर के प्रति समर्पित करना ही भक्ति मार्ग का आधार है। जब व्यक्ति स्वधर्म का पालन करके ईश्वर की शरण में चला जाता है, तब वह मोक्ष का अधिकारी भी बन जाता है।