कपड़े की कटिंग करने के लिए टेबिल अथवा समतल स्थान पर रखकर तैयार किये गये पेपर के पैटर्न के सभी हिस्सों को ताने की दिशा में रखकर चॉक के द्वारा निशान लगाने की क्रिया को ले – आउट कहा जाता है। ऐसा करने से कपड़े की बचत होती है तथा कपड़े की कटिंग आसान रहती है। कटिंग करने से पूर्व इस बात की ओर विशेष ध्यान रखना चाहिए कि पैटर्न के सभी भाग लम्बवत् हैं अथवा नहीं; अन्यथा कटिंग करने पर वस्त्र गलत हो सकता है। सिलाई रेखा के बाद दबाव या तुरपाई के लिये 1 / 2 इंच से लेकर 2 इंच तक के अतिरिक्त निशान लगाये जाते हैं। इन्हें कटिंग रेखाएँ कहते हैं। परिधान की सही कताई और आकर्षक फिटिंग का रहस्य यही है।