व्यावसायिक पर्यावरण से आशय- व्यावसायिक पर्यावरण से तात्पर्य सभी व्यक्ति, संस्थान एवं अन्य शक्तियों की समग्रता से है जो व्यावसायिक उद्यम से बाहर हैं, लेकिन इसके परिचालन को प्रभावित करने की क्षमता रखते हैं।
एक लेखक ने इसको इस प्रकार से प्रस्तुत किया है, "यदि संपूर्ण जगत को लें और उसमें से संगठनों का प्रतिनिधित्व करने वाले उप-समूह को अलग कर दें तो, जो शेष रह जाता है वह पर्यावरण कहलाता है।"
अतः आर्थिक, सामाजिक, राजनैतिक, तकनीकी एवं अन्य शक्तियाँ जो व्यवसाय से हटकर कार्य करती हैं, पर्यावरण के भाग हैं।
व्यावसायिक पर्यावरण की निम्न विशेषताएँ हैं-
- बाह्य शक्तियों की समग्रता
- विशिष्ट एवं साधारण शक्तियाँ
- आंतरिक संबंध
- गतिशील प्रकृति
- अनिश्चितता
- जटिलता
- तुलनात्मकता
विशिष्ट एवं साधारण पर्यावरण-
व्यावसायिक पर्यावरण को निम्न दो भागों में बाँटा जा सकता है-
1. विशिष्ट पर्यावरण- विशिष्ट पर्यावरण से तात्पर्य ऐसे पर्यावरण से है जिसके अन्तर्गत उन घटकों को सम्मिलित किया जाता है जिनसे व्यवसाय का नजदीकी सम्बन्ध होता है तथा ये घटक प्रत्येक व्यावसायिक संस्था को अलग-अलग ढंग से प्रभावित करते हैं। ये घटक इस प्रकार हैं-ग्राहक, निवेशक प्रतियोगी एवं आपूर्तिकर्ता इन्हें सूक्ष्म वातावरण या पर्यावरण के नाम से भी जाना जाता है।
2. साधारण पर्यावरण- साधारण पर्यावरण से तात्पर्य ऐसे वातावरण से है जिसके अन्तर्गत उन घटकों को सम्मिलित किया जाता है जिनका व्यवसाय के साथ दूर का सम्बन्ध होता है। इन घटकों की मुख्य विशेषता यह है कि वे एक ही समय पर लगभग सभी व्यावसायिक इकाइयों को प्रभावित करते हैं। ये घटक हैं राजनीतिक, आर्थिक, सामाजिक, तकनीकी एवं विधिक। इन्हें समष्टि पर्यावरण घटकों के नाम से भी जाना जाता है।