केन्द्रीकरण तथा विकेन्द्रीकरण में अन्तर-
1. अर्थ- किसी संगठन में केन्द्रीय बिन्दुओं पर व्यवस्थित एवं स्थायी ढंग से अधिकार सुरक्षित करने को केन्द्रीकरण कहा जाता है, जबकि कार्य-निष्पादन के स्तरों पर व्यवस्थित एवं स्थायी रूप से अधिकारों का प्रत्यायोजन विकेन्द्रीकरण कहलाता है।
2. निर्णय- केन्द्रीकरण में प्रबन्ध के उच्च स्तर पर अधिकाधिक निर्णय लिये जाते हैं, जबकि विकेन्द्रीकरण में प्रबन्ध के निम्न स्तर पर अधिक से अधिक निर्णय लिये जाते हैं।
3. अधिकार- केन्द्रीकरण के अन्तर्गत अधिक अधिकार अधीनस्थों को नहीं सौंपे जाते हैं, जबकि - विकेन्द्रीकरण में अधीनस्थों को अधिक अधिकार सौंपे जाते हैं।
4. अधीनस्थों की भूमिका- केन्द्रीकरण में अधीनस्थों की भूमिका का उतना महत्त्व नहीं होता है, जबकि विकेन्द्रीकरण में अधीनस्थों की भूमिका का महत्त्व बढ़ता है।
5. अधिकार हस्तान्तरण- केन्द्रीकरण में उच्च स्तर से निम्न स्तर को अधिकारों का हस्तान्तरण नहीं होता है, जबकि विकेन्द्रीकरण में उच्च स्तर से निम्न स्तर को अधिकारों का हस्तान्तरण होता है।
6. प्रभावित होना- केन्द्रीकरण में संस्था के अधिकांश कार्य प्रबन्ध के उच्च स्तर द्वारा लिये गये निर्णयों से प्रभावित होते हैं, जबकि विकेन्द्रीकरण में संस्था के अधिकांश कार्य प्रबन्ध के निम्न स्तर द्वारा लिये गये निर्णयों से प्रभावित होते हैं।
7. प्रशासकीय इकाई का विभाजन- केन्द्रीकरण में सम्पूर्ण संगठन की प्रशासकीय इकाई को उपविभागों में नहीं बाँटा जाता है, जबकि विकेन्द्रीकरण में सम्पूर्ण संगठन की प्रशासकीय इकाई को उपविभागों में बाँट दिया जाता है।
8. केन्द्रीय नियन्त्रण की आवश्यकता- केन्द्रीकरण में अधीनस्थों के कार्यों को नियन्त्रित रखने के लिए केन्द्रीय नियन्त्रण की आवश्यकता नहीं होती है, जबकि विकेन्द्रीकरण में अधीनस्थों के कार्यों को नियन्त्रित रखने के लिए कुछ केन्द्रीय नियन्त्रण लागू किये जाते हैं।
9. अधिकारों का प्रत्यायोजन- केन्द्रीकरण में अधिकारों का प्रत्यायोजन बहुत ही कम किया जाता है, जबकि विकेन्द्रीकरण में अधिकारों का प्रत्यायोजन बहुत अधिक किया जाता है।