भौतिक वितरण के घटक-
1. आदेश का प्रक्रियण- क्रेता-विक्रेता सम्बन्धों में सर्वप्रथम आदेश देना होता है। उत्पाद का प्रवाह वितरण के विभिन्न माध्यमों से ग्राहकों की ओर होता है, जबकि आदेश इसके विपरीत दिशा में चलता है अर्थात् ग्राहक से निर्माता की ओर। एक अच्छी भौतिक वितरण प्रणाली वह है जिसमें आदेश की पूर्ति सटीक एवं शीघ्र होती है।
2. परिवहन- परिवहन वस्तु एवं कच्चे माल को उत्पादन बिन्दु से बिक्री तक ले जाने का माध्यम है। इसके बिना बिक्री का कार्य पूरा नहीं हो सकता है। अतः यह भी भौतिक वितरण का प्रमुख घटक है।
3. भण्डारण- भण्डारण वस्तुओं को संग्रहण एवं वर्गों में विभक्त करने का कार्य है। इसका मुख्य उद्देश्य वस्तुओं को उचित स्थान पर रखना एवं उनके संग्रहण की व्यवस्था करना है जिससे कि ग्राहक की आवश्यकता के समय वस्तु उपलब्ध करवायी जा सके।
4. संग्रहित माल पर नियन्त्रण- भण्डारण सम्बन्धित निर्णय से स्टॉक में रखे माल के सम्बन्ध में निर्णय जुड़ा है। स्टॉक में रखे माल के सम्बन्ध में निर्णय इस सम्बन्ध में लेना होता है कि इसका स्तर क्या हो। जितनी अधिक मात्रा स्टॉक में रखे माल की होगी उतनी ही अच्छी सेवा ग्राहकों की कर पायेंगे लेकिन माल को स्टॉक में रखने की लागत एवं ग्राहक सेवा में सन्तुलन बनार खने की आवश्यकता है। यह भौतिक वितरण द्वारा सम्भव है।