लिविंग्सटन ने उच्च स्तरीय प्रबन्ध के तीन कार्य बताये हैं जो निम्न प्रकार हैं –
- निर्णयात्मक कार्य – विचारों का उद्गम, नियोजन, उद्देश्यों का निर्धारण, प्रक्रिया संरचना, समन्वय एवं अधिकारियों की नियुक्ति, नीति-निर्धारण एवं विश्लेषण, क्रियान्वयन, अधिकारों का हस्तान्तरण, वित्तीय साधनों का चुनाव एवं उन्हें जुटाना और लाभ का वितरण करना।
- मंशा जानना।
- न्याय सम्बन्धी कार्य – नीतियों एवं उद्देश्यों की प्राप्ति की तुलना करना, लागत एवं वैकल्पिक आधार का मूल्यांकन करना।