आज का बाजार क्रेता पर आधारित है। बाजार में एक ही प्रकार की कई स्थानापन्न वस्तुयें होने के कारण गला काट प्रतिस्पर्धा को बोलवाला है। इन परिस्थितियों में व्यवसायी अपनी बिक्री बढ़ाने के लिये विभिन्न साधनों (नमूने, कूपन, धन वापसी प्रस्ताव, मूल्य में कमी, प्रीमियम, प्रतियोगितायें, प्रदर्शनी आदि) का प्रयोग करता है। जिससे विज्ञापन एवं वैयक्तिक विक्रय के बीच की दूरी कम होती है और विक्रय में वृद्धि होती है। इस प्रकार विक्रय संवर्द्धन, विक्रय वृद्धि का एक महत्वपूर्ण उपाय है।