वस्त्रों के संरक्षण में उनकी छंटाई का विशेष महत्त्व है। धोकर सुखाए गए वस्त्रों को छंटाई के लिए सर्वप्रथम स्वच्छ दरी, पलंग अथवा चादर पर रखें। इसके पश्चात् इन वस्त्रों में से सर्वप्रथम छोटे वस्त्र जैसे-रूमाल, मोजे, टाई, अंत:वस्त्र अलग करके तह लगाकर इस प्रकार अलमारी में अलग खाने में रखें कि वह अलग से पता चल जाए। तत्पश्चात् बड़े वस्त्रों को अलग कर लें; जैसे-पायजामा, पेटीकोट, ब्लाउज इत्यादि। अनुपयोगी पुराने फटे वस्त्रों को अलग कर लें। इन सभी वस्त्रों को छंटाई के पश्चात् तह लगाकर रखें, जिससे आवश्यकतानुसार उचित वस्त्र आसानी से मिल जाएँ।
वस्त्रों के संग्रहण से पूर्व उनकी मरम्मत का भी विशेष महत्त्व है। दैनिक रूप से प्रयोग में आने वाले वस्त्र फट जाते हैं या उधड़ जाते हैं। यही नहीं, वस्त्रों के हुक या बटन तो प्रायः टूटते ही रहते हैं। वस्त्रों में आने वाले इस प्रकार के दोषों की संग्रहण पूर्व मरम्मत अति आवश्यक है। यदि संग्रहण से पूर्व वस्त्रों की मरम्मत नहीं की जाएगी तो उनके अधिक फट जाने या उधड़ जाने की आशंका बनी रहती है। कभी-कभी वस्त्रों में लगी जिप भी सही काम करना बंद कर देती है। ऐसी स्थिति में जिप को तुरन्त सुधारने का प्रयास करना चाहिए।