दैनिक प्रयोग में आने वाले वस्त्रों की सफाई निम्न कारणों से अनिवार्य मानी जाती है –
- दैनिक प्रयोग में आने वाले वस्त्रों की सफाई से उनका जीवनकाल बढ़ जाता है।
- बनियान, अण्डरवीयर आदि को प्रतिदिन धोना इसलिए अनिवार्य है क्योंकि ये प्रतिदिन पहनने से गन्दे हो जाते हैं तथा सफाई न करने पर इनमें अनेक प्रकार के रोगों के कीटाणु पनपने लगते हैं। बनियान पसीने से भीगकर गन्दी हो जाती है तथा सीलन से फफूंदी व जीवाणु पनपने लगते हैं।
- वस्त्रों को अधिक गंदा नहीं होने देना चाहिए क्योंकि ये बहुत अधिक गंदा होने पर पूर्ण रूप से साफ नहीं किए जा सकते हैं तथा धोने में साबुन व डिटर्जेण्ट की अधिक मात्रा प्रयोग करनी पड़ती है।
- रूमाल, मोजे आदि भी प्रतिदिन धोना अनिवार्य है क्योंकि ये गन्दे होने के कारण संक्रमण द्वारा रोग उत्पन्न कर सकते
- ऊनी वस्त्रों की धुलाई प्रतिदिन संभव नहीं होती है। अतः नियमित रूप से ब्रुश से इन्हें साफ कर लेना चाहिए क्योंकि धूल ही बाद में मैल में बदल जाती है।