वस्त्र संग्रहण के चरण निम्नलिखित हैं –
- स्थान का चयन
- वस्त्रों की छंटाई
- यथास्थान रखना
- उपयोग में सावधानी।
(1) स्थान का चयन: वस्त्रों के संग्रहण हेतु उपयुक्त स्थान का चयन करना चाहिए। अलमारी को पानी से दूर रखना चाहिए जिससे वस्त्र नमी न सोखें। वस्त्र खिड़की-दरवाजे से दूर होने चाहिए, ताकि धूल-मिट्टी वस्त्रों को गन्दा न करे। वस्त्र रखने वाली अलमारी, संदूक, अटैची जो भी हो साफ व सूखी होनी चाहिए।
(2) वस्त्रों की छंटाई: वस्त्रों के संरक्षण में उनकी छंटाई का विशेष महत्त्व है। धोकर सुखाए गये वस्त्रों को छंटाई के लिए सबसे पहले स्वच्छ दरी अथवा चादर पर रखें। इसके बाद बड़े वस्त्र जैसे-पायजामा, पेटीकोट, ब्लाउज आदि तथा छोटे वस्त्र
जैसे – रूमाल, मौजे, टाई, अन्त:वस्त्र अलमारी में अलग-अलग खाने में रखें कि वह अलग से पता चल जाए। इन सभी वस्त्रों को छंटाई के बाद तह लगाकर रखें जिससे आवश्यकतानुसार उचित वस्त्र आसानी से मिल जाएँ।
(3) यथास्थान रखना: वस्त्रों को उपयोगिता के आधार पर इन्हें यथास्थान रख दें। छोटे वस्त्र आसानी से दिखाई दें। बड़े वस्त्र जैसे-पायजामा, पेटीकोट, आदि जिन पर प्रेस की आवश्यकता न हो उन्हें ढंग से बड़े खाने में रखें, प्रेस किये गये वस्त्र अलमारी में हैंगर पर टाँग कर रखें।
(4) उपयोग में सावधानी: अलमारी में से वस्त्रों को उपयोग में लेते समय सावधानी रखनी चाहिए। तह किये वस्त्रों में से एक वस्त्र निकालते समय ध्यान रखें कि अन्य वस्त्रों की तह न बिगड़े। वस्त्र को अलमारी से निकालने के बाद उसे अच्छी तरह बन्द कर दें ताकि वस्त्र साफ-सुरक्षित रहें।