उपयोगिता ह्रास नियम को निम्न प्रकार से स्पष्ट किया जा सकता है –
1. इस नियम की खोज से मूल्य विरोधाभास (Paradox value) की व्याख्या करने में सहायता मिली है। हीरा पानी ‘विरोधाभास के अनुसार पानी जो जीवन के लिए अति आवश्यक है वह काफी सस्ता होता है जबकि हीरा जो कि जीवन के लिए आवश्यक नहीं है लेकिन काफी महंगा होता है। आधुनिक अर्थशास्त्रीयों ने इस नियम द्वारा इसे विरोधाभास की समुचित व्याख्या की है। आधुनिक अर्थशास्त्रियों के अनुसार किसी पदार्थ की कीमत उससे प्राप्त कुल उपयोगिता द्वारा निर्धारित नहीं होती, बल्कि यह सीमान्त उपयोगिता ही है जो किसी पदार्थ की कीमत निश्चित करती है। जल प्रचुर मात्रा में उपलब्ध होने के कारण इसकी सीमान्त उपयोगिता बहुत कम अथवा शून्य होती है अतएव इसकी कीमत भी बहुत कम या शून्य होती है। दूसरी ओर हीरे दुर्लभ (Scarce) होते हैं। और इसलिए उनकी सापेक्षिक (Relative) सीमान्त उपयोगिता बहुत अधिक होती है और इस कारण उनकी कीमत भी ऊँची होती है।
2. इस नियम का उपयोग सार्वजनिक वित्त में भी किया जाता है। हम जानते हैं कि धनवान के लिए मुद्रा की सीमान्त उपयोगिता कम और गरीब के लिए अधिक होती है। अत: अमीरों पर कर (TAX) लगाकर उस राशि को गरीबों पर खर्च करने से सामाजिक कल्याण बढ़ता है।
3. उपयोगिता ह्रास नियम द्वारा मांग का नियम, सम सीमान्त उपयोगिता नियम आदि नियमों की व्युत्पत्ति हुई है।