आगम का अर्थ (Meaning of Revenue) – अर्थशास्त्र में आगम से आशय एक फर्म द्वारा अपने तैयार माल को बाजार में बेचने से प्राप्त होने वाले मूल्य से लगाया जाता है। इसका आशय यह है कि फर्म के कुल आगम में लागत के साथ-साथ लाभ भी शामिल होता है। उदाहरण के लिए-यदि एक फर्म अपनी उत्पादित 100 वस्तुओं को ₹5 प्रति वस्तु की दर से बेचती है तो उसका आगम होगा 100 × 5 = ₹ 500।
कुल आगम (Total Revenue) – जैसा कि आगम शीर्षक में स्पष्ट किया गया है कुल आगम बिक्री से मिलने वाली कुल प्राप्ति को कहते हैं। कुल आगम की गणना करने के लिए बेची जाने वाली वस्तु की मात्रा में (Q) उस कीमत (P) का गुणा किया जाता है जिस पर कि वह वस्तु बेची गई है। सूत्र रूप में –
कुल आगम = बिक्री मात्रा × कीमत
TR = Q × P
यदि बेची जाने वाली वस्तु की मात्रा 500 है तथा कीमत ₹6 तो कुल आगम (TR) होगा-
TR = Q × P = 500 × 6 = ₹3000
औसत आगम (Average Revenue) – औसत आगम वस्तु के मूल्य को ही कहते हैं। इसकी गणना कुल आगम में कुल बिक्री मात्रा का भाग देकर की जाती है।
सूत्रे रूप में
उदाहरण – यदि किसी फर्म का मार्च 2017 का कुल आगम 2 लाख रुपये है तथा उसके द्वारा माह में बेची गई वस्तुओं की संख्या 25,000 है तो औसत आगम होगा
2,00,000/25,000 = ₹8
सीमान्त आगम (Marginal Revenue) – किसी वस्तु की एक अतिरिक्त इकाई बेचने से कुल आगम में जो वृद्धि होती है। उसे ही सीमान्त आगम कहते हैं। सीमान्त आगम ज्ञात करने का सूत्र है –
उदाहरण – यदि किसी एक फर्म की कुल बिक्री 100 से बढ़कर 101 हो जाती है और उसका कुल आगम बढ़कर ₹500 से ₹504 हो जाता है तो सीमान्त आगम होगा –
दिया हुआ है ∆TR = 4, ∆Q = 1, MR = 4/1 = ₹4