रेखाचित्र में SS मूल पूर्ति वक्र, DD मूल माँग वक्र है। चित्र में देखने से स्पष्ट हो रहा है कि जब माँग तथा पूर्ति वक्र दोनों दायीं ओर शिफ्ट हो रहे हैं तो उनका नया सन्तुलन बिन्दु E1 पर बन रही है तथा नयी मात्रा बढ़कर q1 हो गयी है। जबकि कीमत P में कोई परिवर्तन नहीं हुआ है। अत: यह कहा जा सकता है कि माँग तथा पूर्ति वक्र दोनों के एक साथ समान अनुपात में दायीं ओर शिफ्ट होने से सन्तुलन कीमत पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा लेकिन सन्तुलन मात्रा में वृद्धि होगी। यदि दोनों में शिफ्ट असमान अनुपात में होता है, तो कीमत तथा मात्रा दोनों में परिवर्तन हो जायेगा।
