भारतीय संविधान द्वारा नागरिकों को दिए गए मूल अधिकार- भारतीय संविधान द्वारा नागरिकों को 6 मूल अधिकार दिए गए है-
- समानता का अधिकार
- स्वतंत्रता का अधिकार
- शोषण के विरुद्ध अधिकार
- धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार
- संस्कृति एवं शिक्षा का अधिकार
- संवैधानिक उपचारों का अधिकार
(1) शोषण के विरुद्ध अधिकार:
- मानव के क्रय – विक्रय व बेगार पर रोक(अनुच्छेद 23) – इस अनुच्छेद द्वारा बेगार तथा इसी प्रकार का जबरदस्ती करवाए हुए श्रम का निषेध किया गया है। राज्यहित में सरकार द्वारा व्यक्ति को अनिवार्य श्रम की योजना लागू की जा सकती है लेकिन ऐसा करते समय नागरिकों के बीच धर्म, मूलवंश, जाति वर्ग या सामाजिक स्तर के आधार पर कोई भेदभाव नहीं किया जा सकता।
- बालश्रम का निषेध (अनुच्छेद 24) – इसके अनुसार 14 वर्ष से कम आयु वाले बच्चों को कारखानों अथवा जोखिम वाले काम पर नियुक्त नहीं किया जा सकता।
(2) सांस्कृतिक व शिक्षा संबंधी अधिकार (अनुच्छेद 29 व 30):
1. अल्पसंख्यक वर्गों के हितों की सुरक्षा – इस अनुच्छेद के अनुसार देश के सभी नागरिकों को संस्कृति व शिक्षा संबंधी स्वतंत्रता का अधिकार दिया गया है। नागरिकों के प्रत्येक वर्ग को अपनी भाषा, लिपि व संस्कृति को सुरक्षित रखने का पूरा अधिकार है।
इस अनुच्छेद द्वारा यह भी व्यवस्था की गई है कि किसी भी नागरिक को धर्म, प्रजाति, जाति, भाषा या इनमें से किसी के भी आधार पर राज्य द्वारा पोषित या राज्य – निधि से सहायता प्राप्त किसी भी शिक्षण संस्थान में प्रवेश से वंचित नही किया जा सकता।
2. अल्पसंख्यक वर्ग को शिक्षण संस्थाओं की स्थापना व संचालन का अधिकार (अनुच्छेद 30) – इस अनुच्छेद के अनुसार अल्पसंख्यक वर्ग को अपनी इच्छा अनुसार शिक्षण संस्थान की स्थापना व उनके संचालन संबंधी अधिकार प्राप्त हैं। राज्य द्वारा वित्तीय सहायता प्रदान करते समय किसी भी ऐसी संस्था के साथ धर्म व जाति के आधार पर भेदभाव नहीं किया जाएगा।