विश्व में जनसंख्या घनत्व वितरण को प्रभावित करने वाले कारक निम्नानुसार हैं।

जनसंख्या घनत्व को प्रभावित करने वाले इन सभी कारकों को संक्षिप्त वर्णन निम्नानुसार है –
(अ) भौतिक कारक-भौतिक कारकों में स्थिति, जल उपलब्धता, जलवायु व मृदाएँ शामिल हैं –
1. स्थिति: जनसंख्या वितरण पर विश्व के विभिन्न क्षेत्रों की स्थिति का महत्त्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है। विश्व की अधिकांश जनसंख्या शीतोष्ण कटिबन्धीय प्रदेशों में निवास करती है। लोग समतल मैदानों और मन्द ढालों पर बसने को प्राथमिकता देते हैं। पर्वतीय और पहाड़ी क्षेत्र परिवहन के विकास में बाधक होते हैं इसलिए प्रारम्भ से कृषि और औद्योगिक विकास के लिए अनुकूल नहीं होते हैं। अत: इन क्षेत्रों में कम जनसंख्या पायी जाती है।
2.जल की उपलब्धता:लोग उन क्षेत्रों में बसना चाहते हैं, जहाँ जल आसानी से उपलब्ध होता है, यही कारण है कि विश्व की महान नदी-घाटियाँ विश्व के सबसे सघन बसे हुए क्षेत्र हैं
3. जलवायु: अति उष्ण अथवा ठण्डे मरुस्थलों की कठोर जलवायु मानव बसाव के लिए असुविधाजनक होती है। अधिक वर्षा अथवा विषम जलवायु वाले क्षेत्रों में कम जनसंख्या पायी जाती है। भूमध्यसागरीय प्रदेश सुखद जलवायु के कारण प्रारम्भिक काल से ही अधिक बसे हुए क्षेत्र हैं।
4. मृदाएँ: उपजाऊ मृदाएँ कृषि तथा इससे सम्बन्धित क्रियाओं के लिए महत्त्वपूर्ण हैं। इसलिए उपजाऊ मिट्टी वाले प्रदेशों में अधिक लोग निवास करते हैं क्योंकि ये मृदाएँ गहन कृषि का आधार बनती हैं।
(ब) आर्थिक कारक: आर्थिक कारकों में खनिज, नगरीकरण व औद्योगीकरण को शामिल किया जाता है
खनिज-खनिज जमावों से युक्त क्षेत्र उद्योगों को आकर्षित करते हैं। खनन और औद्योगिक गतिविधियाँ रोजगार उत्पन्न करती हैं। अतः अकुशल तथा कुशल कर्मी इन क्षेत्रों में पहुँचते हैं और जनसंख्या को सघन बना देते हैं। अफ्रीका की कटंगा ताँबा पेटी इसका एक अच्छा उदाहरण है।
नगरीकरण: नगर रोजगार के बेहतर अवसर, शैक्षणिक व चिकित्सा सुविधाएँ तथा परिवहन और संचार के बेहतर साधन प्रस्तुत करते हैं। अच्छी नगरीय सुविधाएँ तथा नगरीय जीवन का आकर्षण लोगों को नगरों की ओर खींचते हैं
औद्योगीकीकरण: औद्योगीकीकरण, बड़ी संख्या में लोगों को आकर्षित करता है। इनमें केवल कारखानों के श्रमिक ही नहीं होते बल्कि परिवहन परिचालक, दुकानदार, बैंककर्मी, डॉक्टर, अध्यापक तथा अन्य सेवाएँ उपलब्ध कराने वाले भी होते हैं। जापान का कोबे-ओसाका प्रदेश अनेक उद्योगों की उपस्थिति के कारण सघन बसा हुआ है।
(स) सामाजिक एवं सांस्कृतिक कारक: कुछ स्थान धार्मिक अथवा सांस्कृतिक महत्त्व के कारण अधिक लोगों को आकर्षित करते हैं। ठीक उसी प्रकार लोग उन क्षेत्रों को छोड़कर चले जाते हैं जहाँ सामाजिक और राजनैतिक अशान्ति होती है। कई बार सरकारें लोगों को विरल जनसंख्या वाले क्षेत्र में बसने अथवा भीड़-भाड़ वाले स्थानों में चले जाने के लिए प्रोत्साहन देती हैं।