मंत्रिपरिषद के सामूहिक उत्तरदायित्व का सिद्धान्त ‘एक सबके लिए एवं सब एक के लिए की नीति पर आधारित है अर्थात् जब प्रधानमंत्री के परामर्श से राष्ट्रपति द्वारा मंत्रिपरिषद के सदस्यों में विभिन्न विभागों तथा मंत्रालयों का बँटवारा कर दिया जाता है तो वे सभी व्यक्तिगत रूप से संसद में अपने-अपने विभागों से सम्बन्धित प्रश्नों के उत्तर देते हैं। मंत्रिपरिषद, सामूहिक रूप से लोकसभा के प्रति उत्तरदायी होती है।
यदि लोकसभा किसी मंत्री के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव पारित कर दे या किसी मंत्री द्वारा रखे गये विधेयक को अस्वीकार कर दे तो समस्त मंत्रिपरिषद को त्यागपत्र देना पड़ता है। यही सामूहिक उत्तरदायित्व का अर्थ है। यह सिद्धान्त गठबंधन सरकार में कमजोर पड़ जाता है क्योंकि अलग अलग दलों के मंत्रियों में विचारधारागत भिन्नताएँ होती है। अलग-अलग विचारधारा के लोगों को एक सूत्र में पिरोकर कार्य करना बहुत कठिन है। कई गठबंधन सरकार के मंत्रियों के मतभेद खुल कर सामने आ जाते हैं एवं यह टकराव कार्य बार शीर्ष नेतृत्व की कर्थक्षमता व शैली पर भी नकारात्मक प्रभाव डालते हैं।