देश में गठबंधन सरकार होने की स्थिति में सृदृढ़ विदेशनीति का अभाव-देश में गठबंधन सरकार होने की स्थिति में सुदृढ़ विदेश नीति का अभाव रहता है। गठबंधन सरकार का प्रधानमंत्री सुदृढ़ विदेश नीति बनाने तथा संचालन करने में समर्थ नहीं हो पाता क्योंकि वह अपने सहयोगी दलों के दबाव में होता है और स्वतंत्र रूप से निर्णय नहीं ले पाता है। इस प्रकार विदेश नीति के मामले में देश की स्थिति कमजोर होती है।
विदेशों से किये जाने वाली संधि अथवा समझौते के समय सहयोगी दलों की सलाह लेनी पड़ती है। विदेशों के सामने हमारी स्थिति कमजोर पड़ती है। वहीं एक दल का प्रधानमंत्री अथवा सरकार स्वतंत्र तथा सुदृढ़ नीति अपनाने में सफल होता है। देश की विदेशों में प्रतिष्ठा बढ़ती है। अत: विदेश नीति की दृष्टि से देखा जाए तो गठबंधन सरकारों में मतभेद की स्थिति रहती है। फलस्वरूप सुदृढ़ विदेश नीति का निर्माण नहीं हो पाता है।