'भक्तिन' संस्मरण में बताया गया है कि हमारे समाज में विधवा के साथ अच्छा व्यवहार नहीं कि है। यदि विधवा जवान और नि:सन्तान है, तो उसके साथ दुराचार की कोशिश की जाती है। विधवा की सम्पत्ति पर परिवार के तथा अन्य लोग अपना अधिकार जमाना चाहते हैं। गाँवों की पंचायतें भी विधवाओं व अन्य महिलाओं के सम्मान की रक्षा नहीं करती हैं और उन पर मनमाने निर्णय थोपती हैं।