'जूझ' उपन्यास के पठितांश के आधार पर लेखक के चरित्र की निम्न विशेषताएँ दृष्टिगत होती हैं पढ़ने की ललक-लेखक दादा से डरता था लेकिन पढ़ने की ललक उसके मन में समायी हुई थी। इसलिए उसने अपनी इच्छा माँ के समक्ष प्रकट की और दत्ताजी राव के पास चलने का सुझाव दिया था। उनकी सहायता से उसकी पढ़ने की ललक भी पूरी हुई। दूरदर्शी-लेखक दूरदर्शी है। वह यह जानता है कि पढ़ने से नौकरी मिल सकती है।
या कोई धंधा किया जा सकता है। इससे भविष्य बन सकता है, खेती करने से नहीं। इस कारण ही वह दत्ताजी राय के पास जाता है क्योंकि वह जानता है उनके आदेश का पालन दादा को करना ही पड़ेगा। कठोर परिश्रमी तथा लगनशील-लेखक कठोर परिश्रमी और लगनशील है। वह अपने कठोर परिश्रम से दादा की शर्तों को पूरा करता है और अपनी लगनशीलता के कारण कक्षा में होशियार बच्चों में गिना जाने लगता है।