मुअनजो-दड़ो की खुदाई से मिली चीजों को वहाँ के अजायबघर में रखा गया है। वहाँ पर प्रदर्शित चीजों में औजार तो हैं, पर हथियार कोई नहीं है। मुअनजो-दड़ो क्या, हड़प्पा से लेकर हरियाणा तक समूची सिन्धु सभ्यता में हथियार उस तरह कहीं नहीं मिले हैं, जैसे किसी राजतन्त्र में होते हैं। इस बात को लेकर पुरातत्त्वविदों का कहना है कि वहाँ पर कोई राजमहल या मन्दिर नहीं हैं, राजाओं की समाधियाँ भी नहीं हैं।
यदि वहाँ पर राजसत्ता का कोई केन्द्र होता अर्थात् शक्ति का शासन होता, तो ये सब चीजें वहाँ पर होतीं। वहाँ पर नरेश के सिर का जो मुकुट मिला है, वह भी एकदम छोटा-सा है। इससे यह अर्थ निकलता है कि सिन्धु सभ्यता में अनुशासन जरूर था, परन्तु ताकत के बल पर नहीं था, अर्थात् वहाँ राजसत्ता का कोई केन्द्र नहीं था। सभी नागरिक स्वयं अनुशासित थे और नगर-योजना, साफ-सफाई जैसी सामाजिक व्यवस्थाओं में एकरूपता थी।