सिंधु घाटी सभ्यता की कला के संबंध में लेखक ने बताया है कि सिन्धु घाटी के लोगों में कला या सुरुचि का महत्त्व ज्यादा था। वास्तुकला या नगर-नियोजन ही नहीं, धातु और पत्थर की मूर्तियाँ, मृद्भाण्ड, उन पर चित्रित मनुष्य, वनस्पति और पशु-पक्षियों की छवियाँ सुनिर्मित मुहरें, उन पर बारीकी से उत्कीर्ण आकृतियाँ, खिलौने, केश विन्यास, आभूषण और सबसे ऊपर सुघड़ अक्षरों का लिपिरूप सिन्धु सभ्यता को तकनीक-सिद्ध से ज्यादा कला-सिद्ध जाहिर करता है।
शायद इसीलिए यहाँ आकार की भव्यता की जगह इसमें कला की भव्यता दिखाई देती है। यहाँ के लोग सुइयों से कशीदाकारी करते थे। यहाँ जो सुए मिले हैं इनसे अनुमान लगाया गया है कि इन मिले सुए से दरियाँ बुनी जाती थीं। इनके अलावा 'नर्तकी' व दाढ़ी वाले 'नरेश' की मूर्ति इनकी उत्कृष्ट कला के नमूने हैं।