हिटलर और सैनिकों की बातचीत के रेडियो प्रसारण में प्रायः युद्ध क्षेत्र की घटनाओं और सैनिकों के घायल होने के संबंध में ही उनकी बातें सुनाई देती थीं। दोनों के मध्य रेडियो प्रसारण में होने वाली बातें कुछ करुणाजनक थीं। हिटलर और सैनिकों के बीच सवालों-जवाबों का सिलसिला चलता था।
हिटलर घायल सैनिक से उसका नाम, घायल बताता था कि "दोनों पैर बरफ़ की वजह से गल गये है और बाँए बाजू की हड्डी टूट गयी है।" यह कहते हुए घायल सैनिक को गर्व की अनुभूति होती थी। भाव यह है कि "जितने घाव, उतना ज्यादा गर्व।" इतना ही नहीं वे सब हिटलर से मिलने से उत्साहित भी थे। सैनिकों में युद्ध का प्रबल उन्माद था और वे अपनी वीर-गाथा को अपने घावों को दिखाते हुए व्यक्त करते थे। उस प्रसारण को सुनकर ऐन को यही अनुमान होता था।