'डायरी के पन्ने' पाठ में किट्टी ऐन को उपहार में मिली एक गुड़िया है। ऐन ने किट्टी को संबोधित करकेअपनी डायरी में गुप्त आवास में दो वर्षों तक भोगे गए हर कष्ट की जानकारियाँ दी हैं। किस तरह उसकी बहिन मार्गोट को ए.एस.एस. से बुलाए जाने का नोटिस मिला। उस अनपेक्षित व्यवहार की आशंका के कारण किस प्रकार उन्हें घर से भागकर गोपनीय स्थान पर जाना पड़ा।
वहाँ किस तरह दो साल तक छिपे रहकर जीवन बिताना पड़ा। उस समय किस तरह सभी परिवार के सदस्य क्या-क्या करके अपना समय काटते थे और समस्या पर विचार करते थे। इसके साथ ही गोपनीय आवासों में किस प्रकार चोर, लुटेरे आदि अपनी गतिविधियों को अन्जाम देते थे। किस प्रकार भूखे-प्यासे रहना पड़ता था। किस प्रकार हिटलर की खुफिया पुलिस के भय से सावधान रहना पड़ता था आदि, उसने इन सब प्रमुख बातों की जानकारियाँ दीं।