ऐन फ्रैंक ने इस कथन से पीटर के प्रति अपने प्रेम भाव के प्रसंग का उल्लेख किया है क्योंकि ऐन हमउम्र पीटर को बहुत चाहती थी। पीटर स्वभाव से सहनशील, शान्तिप्रिय और सहज आत्मीयता रखने वाला नवयुवक था। उसके मन में भी ऐन के प्रति अत्यधिक लगाव था। ऐन बताती है कि वह उसके कमरे में एक-दो दिन के लिए न जा पाऊं तो मेरी बुरी हालत हो जाती थी अर्थात् मैं उसके लिए काफ़ी तड़पने लगती थी। इस तरह उन दोनों का स्नेह एक दोस्त की तरह निरन्तर बढ़ता जाता था। परन्तु साथ ही किसी अज्ञात ताकत के कारण से ऐन फ्रैंक पीटर से कुछ नफ़रत भी करती थी। इसी कारण वह उसकी कई बातें पसन्द नहीं करती थी और उससे निराश हो जाती थी।