वर्षा के अभाव में भूमि या फसलों को कृत्रिम तरीके से जल प्रदान करने की क्रिया को सिंचाई कहा जाता है। सिंचाई फसल उत्पादन की आधारभूत संरचना का अंग है। राजस्थान में कुल सिंचित क्षेत्र का सबसे बड़ा भाग श्रीगंगानगर एवं सबसे कम भाग राजसमंद जिले में है
राजस्थान में कुएँ व नलकूप, नहरें तथा तालाब सिंचाई के प्रमुख साधन हैं।
1. कुएँ व नलकूप: ये राज्य का सबसे महत्त्वपूर्ण सिंचाई का साधन है। राज्य के कुल सिंचित क्षेत्र के 66% भाग में कुओं व नलकूपों से ही सिंचाई होती है। इस साधन से सबसे अधिक सिंचाई जयपुर व अलवर जिलों में होती है। जैसलमेर जिले के चाँदन नलकूप में मीठे पानी की उपलब्धता के कारण यह स्थान ‘थार का घड़ा’ कहलाता है।
2. नहरें: राज्य के 33% भाग में सिंचाई नहरों के द्वारा होती है। नहरी सिंचाई में श्रीगंगानगर जिले का प्रथम स्थान है।
3. तालाब: इस साधन से राज्य की 0.7 प्रतिशत भाग पर सिंचाई होती है। राज्य के दक्षिणी व दक्षिणी-पूर्वी भाग में यह सिंचाई का प्रमुख साधन है। तालाब द्वारा सिंचाई में प्रथम स्थान भीलवाड़ा जिले का तथा द्वितीय स्थान उदयपुर जिले का है। अन्य साधनों से मात्र 0.3% भाग पर सिंचाई होती है।