माही बजाज सागर परियोजना बाँसवाड़ा व डूंगरपुर जिलों के आदिवासियों के लिए एक अमृत तुल्य योजना है। यह राजस्थान व गुजरात की एक संयुक्त परियोजना है, जिसमें राजस्थान में गुजरात की हिस्सेदारी क्रमशः 45% व 55% है।
स्थिति: बाँसवाड़ा के बोरखेड़ा स्थान पर माही नदी पर यह बाँध बनाया गया है। इसके अलावा दो नहरें, दो विद्युत गृह, दो लघु विद्युत गृह व कागदी पिकअप बाँध भी बनाया गया है।
चरण: माही बजाज सागर परियोजना निम्नलिखित तीन चरणों में बनकर पूर्ण हुई –
1. प्रथम चरण:
बोरखेड़ा (बाँसवाड़ा) में बाँध निर्माण, जल संग्रहण 6240 वर्ग किमी व बाँध भराव क्षमता 72.70 टी.एम.सी. है।
2. द्वितीय चरण:
इस चरण में डूंगरपुर में आनन्दपुरी व सागवाड़ा नामक दो नहरें, निकाली गई हैं। इनकी कुल लम्बाई 854 किमी है।
3. तृतीय चरण:
इस चरण में दो विद्युत गृहों का निर्माण करके 140.95 मेगावाट विद्युत उत्पन्न की जा रही है।
प्रभाव:
माही बजाज सागर बनने के बाद यहाँ के आर्थिक-सामाजिक जीवन में बदलाव आने के साथ कृषि-औद्योगिक विकास भी तेजी के साथ हुआ है। इससे इस आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र को विकास की नई दिशा प्राप्त होगी।