'बगुलों के पंख' कविता पढ़ने से हमारे मन में ऐसे चित्र उभरते हैं -
1. आसमान में काले-काले बादलों का घिरना।
2. सन्ध्याकालीन सुरमई चमक का फैलना।
3. बादलों के मध्य बिजली की चमक के साथ बगुलों का उड़ना।
ये सभी चित्र शब्दों के द्वारा और चित्रकला के द्वारा व्यक्त किये जा सकते हैं। अतः छात्र स्वयं करें।