सफिया मानवीय रिश्तों को महत्त्व देती थी। वह साहित्यकार होने से प्रेम, करुणा, संवेदना, मानवता आदि विशेषताओं से मण्डित थी। उसने निश्छलता एवं सहज भावना रखकर पाकिस्तानी कस्टम अफसर से उसका परिचय पूछकर कहा कि वह एक छोटा-सा मुहब्बत का तोहफा उस विस्थापित महिला के लिए ले जा रही है जो अभी भी लाहौर को बहुत याद करती है।