सफिया ने जब पहली बार सिख बीवी को देखा तो उसे लगा जैसे उसकी माँ ही उसके सामने आ खड़ी हुई। बिल्कुल वही कद, भारी-भरकम शरीर, चमकदार आँखें, जिनमें नेकी और मुहब्बत भरी हुई थी। उनका चेहरा खुली किताब की तरह था, जिन पर आती-जाती भावनाओं को पढ़ना आसान था सिख बीबी ने सफेद मलमल का दुपट्टा ओढ़ रखा था जैसा सफिया की अम्मा मुहर्रम में ओढ़ा करती थी। यही कारण था कि सफिया बड़े ही स्नेह भाव से सिख बीबी को निहार रही थी। यही एक कारण था जिसके लिए सफिया कानूनी नियम को तोड़ कर उनके लिए नमक लाना चाहती थी। वतनपरस्ती व अपनी माँ का प्रतिबिम्ब दोनों ही बातें अत्यन्त महत्त्वपूर्ण थीं और शायद इसलिए सफिया का प्रेम सिख बीबी के प्रति आकर्षित था।