(अ) प्राकृतिक स्रोतों से प्राप्त जल में ऋणावेशित कोलॉइडी अशुद्धियाँ निलम्बित रहती हैं। फिटकरी के विलयन में उपस्थित Al3+ आयन इन अशुद्धियों को स्कन्दित कर देते हैं जिन्हें छानकर अलग कर दिया जाता है। अत: फिटकरी पीने के जल को शुद्ध करती है।
(ब) अनेक विशेष यौगिक एक विलायक में क्रिस्टलाभ (Crystalloid) की तरह तथा अन्य विलायक में कोलॉइड की तरह व्यवहार करते हैं। उदाहरण-NaCl का जलीय विलयन क्रिस्टलाभ है। जबकि बेन्जीन में यह कोलॉइड की तरह व्यवहार करता है। साबुन का जलीय विलयन कोलॉइड है जबकि ऐल्कोहॉलीय विलयन क्रिस्टलाभ की तरह व्यवहार करता है।
(स) वायुमण्डल में धूल तथा जल के असंख्य सूक्ष्मकण उपस्थित होते हैं। ये कण प्रकाश का प्रकीर्णन करते हैं। यह कण मुख्यत: नीले रंग के प्रकाश का प्रकीर्णन करते हैं क्योंकि इस प्रकाश की तरंगदैर्ध्य सबसे कम होती है। जबकि अन्य रंगों का प्रकाश अवशोषित हो जाता है। अतः आकाश का रंग नीला दिखाई देता है।