(A) प्रारंभन कोडोन- अधिकांश प्रोटीन या पॉलिपेप्टाइड में प्रथम एमीनो अम्त मिथियांनिन (methionine) होता है एवं mRNA पर इसके लिए AUG या कभी-कभ GUG (in bacteria) कोडोन रहते हैं। चेन बनने के पहले मिथियोनिन का फॉर्मालेटेड होना आवश्यक होता है। वैसे कोडोन, जो पॉलिपेप्टाइड चेन बनाने की प्रक्रिया शुरू करतं हैं उसे (AUG) चेन प्रारंभन कोडोन कहते हैं।
समापन कोडोन- 64 कोडोनों में तीन कोडोन (UAA, UAG एवं UGA) ऐसे होते हैं जो पॉलिपेप्टाइड चेन के समापन का संकेत देते हैं। इन्हें चेन समापन कोडन कहते हैं। चूँकि ये किसी एमीनो अम्ल का संकेतवाहक नहीं होते हैं, अत: इन्हें नॉनसे कोडोन भी कहते हैं। mRNA में ये जहाँ रहते हैं, पॉलिपेप्टाइड श्रृंखला बनने को किय वहाँ रोक देते हैं।
(B) DNA से आनुवॉशक सूचनाओं का mRNA में स्थानांतरण को ट्रांसक्रियान कहते हैं। ट्रांसक्रिप्शन क्तिया DNA द्विगुणन से मिलती-जुलती है। RNA पॉलिमरेव एंजाइम द्वारा यह क्रिया संपन्न होती है। DNA के प्रोमोटर हिस्से में इस एंजाइम बँधने के बाद यह क्रिया प्रारंभ होती है।
इसे तीन मुख्य चरणों में बाँटा जा सकता है-
(1) प्रोमोटरों से बंधन एवं RNA श्रृंखला का प्रारंभन
(2) RNA पालिन्यूक्यिोटाइड चेन में वृद्धि
(3) ट्रांसक्रिप्शन का समापन।
(C) यह सबसे स्थिर प्रकृति का RNA हैं जो राइचोसोम से लगा रहता है। यह कोशिका में स्थित कुल RNA का 80% भाग होता है एवं इसका आण्विक भार 35,000 से 1100,000 तक होता है। तीनों प्रकार के RNA में यह सर्वाधिक समय तक क्रियाशील रहता है।