अशोक के धम्म से जुड़ी विशेषताएँ और उनके महत्व को समझने के लिए हमें उनके समय की संदर्भिक जानकारी की आवश्यकता होती है। अशोक एक प्राचीन भारतीय सम्राट थे जो मौर्य वंश के राजा थे। अशोक का धर्म नीति उनके साम्राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में शांति और सामाजिक समर्थन को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण था।
अशोक के धम्म की कुछ मुख्य विशेषताएँ निम्नलिखित हैं:
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अहिंसा और शांति के प्रति प्रतिबद्धता: अशोक ने अपने धर्म के माध्यम से अहिंसा और शांति के महत्व को प्रमोट किया। उन्होंने अपने साम्राज्य के विभिन्न हिस्सों में धर्मशास्त्रों की स्थापना की, जिसमें अहिंसा, संतुलन, और सहिष्णुता के सिद्धांतों का पालन किया जाता था।
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सामाजिक न्याय और समर्थन: अशोक ने अपने साम्राज्य में सामाजिक न्याय को प्रमोट किया और गरीबों, असहायों, और विपन्न लोगों के लिए समर्थन के प्रोग्राम प्रारंभ किए। उन्होंने धर्मशास्त्रों की रचना की जिनमें समाज के विभिन्न वर्गों को समानता और न्याय के सिद्धांतों का उल्लेख किया गया।
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पर्यावरण का सम्मान: अशोक ने अपने साम्राज्य में पर्यावरण के प्रति सम्मान को बढ़ाया। उन्होंने वन्य जीवन की संरक्षण के लिए नियम बनाए और वृक्षारोपण के प्रोग्राम शुरू किए।
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आंतरिक और बाह्य शांति की प्रचारक: अशोक ने अपने साम्राज्य के बाहर भी शांति को प्रमोट किया। उन्होंने धर्म और शांति के सन्देश को सभी समृद्ध और विदेशी राज्यों तक पहुंचाया और अपने शांतिप्रिय नीतियों के माध्यम से संबंधों को सुदृढ़ किया।
अशोक के धर्म के सिद्धांतों और उनके नीतियों के माध्यम से, उन्होंने भारतीय समाज में धर्म, न्याय, और शांति के महत्व को प्रमोट किया और समर्थन किया। उनके धर्म के नीतियों का अध्ययन आज भी लोगों को प्रेरित करता है और उनके संदेश में बुद्धिमत्ता, सामर्थ्य, और सामाजिक समर्थन की भावना को स्थापित करता है।